Tuesday, 2 April 2019

तुम

चाहे दर्द दो या प्यार तुम हमे,
हम सब कुछ सह लेंगे।
आदत सी बन गयी हो तुम हमारी,
अब बस तुम्हे प्यार ही प्यार देगे।

गुस्सा करो तुम जब जब मुझ पर,
लगता है मुझको डर,
इतने प्यारे लगते हो रूठे हुए भी ,
की दिल करता है अब ले जाऊं तुम्हे अपने घर।

मेरी हर एक गलती को माफ़ कर,
करते हो मुझसे उतना ही प्यार,
बन गया है रिश्ता हमारा,
जैसे बिजली नही चलती बिना कोई तार।

जितना प्यार करते हो ,
उतना ही खफ़ा हो जाते हो कभी कभी,
पर अच्छा तो तब लगता है,
जब रूठे हुए तुम, मनाने लग जाते हो मुझे अभी।

जानने लगी हूँ इतना तुम्हे,
की देखते ही समझ जाती हूं तुम्हारा हर एक ख़याल,
गुस्सा दिलाना भी जानती हूं,
मनाना भी जानती हूं,
दुनिया भी समझ गयी होगी  मुझे होगया  हैप्यार तुम्हारे नाल।

तुम्हारी यह खामोशी सही नही जाती,
दर्द करता है दिल जब कोई बात बता नहीं पाती।
अब बस हर वक़्त मैं तुम्हारे ही गीत गाती,
क्योंकि हर दिल की बात अब तुम्हारी बन जाती।

8 comments:

  1. Replies
    1. Haha! Inspired by Devilvish Thoughts, ironically wrote an angelic poem! :p

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    2. Yaha bhi uska zikr karna Nhi bhuli..🙄 N Meri taarif kabhi mere saamne Mat karna!!

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    3. Oh! So, Devilvish appears to be active!

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  2. Awesome yaar! Too deep in love ���� Deepika

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